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28 जनवरी 2013

चयनात्मक सुनना : सेलेक्टिव लिसनिंग

आज मैं जो कहानी सुनने जा रहा हूँ , यह शिव खेड़ा जी की पुस्तक 'आपकी जीत' से ली गयी है आशा करता हूँ  आप सबको जरुर पसंद आयेगी |

एक बार एक डॉक्टर को अतिथि वक्ता के रूप में शराबियों को सम्बोधित करने के लिए बुलाया गया | वह सबको एक उदाहरण दिखाकर बताना चाहते थे कि शराब स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक होती है | उन्होंने अपने पास दो पात्र (कन्टेनर ) रखा | एक पात्र उन्होंने पानी से भर दिया और दूसरा शराब से | फिर उन्होंने पानी वाले पात्र में एक केंचुआ डाल दिया वह पानी में खूबसूरती से तैरने लगा | और उन्होंने शराब वाले पात्र में दूसरा केंचुआ डाला जो की देखते ही देखते सब की आँखों के सामने तड़प तड़प कर मर गया | वह यह साबित करना चाहते थे की जब केंचुए की ये हालत हुई है तो हमारे शरीर के अन्दर क्या होता होगा | तब उन्होंने उन शराबी लोगो से कहानी का मोरल पूछा | और पीछे से एक आदमी ने उत्तर दिया कि अगर हम शराब पियेंगे तो हमारे पेट में कीड़े नहीं होंगे |

क्या कहानी से ये सीख मिली ? बिल्कुल भी नहीं | यह निर्भर करता है हमारी सेलेक्टिव लिसनिंग पर | हम वही सुनते है जो हम सुनना चाहते हैं |

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