आज मैं जो कहानी सुनने जा रहा हूँ , यह शिव खेड़ा जी की पुस्तक 'आपकी जीत' से ली गयी है आशा करता हूँ आप सबको जरुर पसंद आयेगी |
एक बार एक डॉक्टर को अतिथि वक्ता के रूप में शराबियों को सम्बोधित करने के लिए बुलाया गया | वह सबको एक उदाहरण दिखाकर बताना चाहते थे कि शराब स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक होती है | उन्होंने अपने पास दो पात्र (कन्टेनर ) रखा | एक पात्र उन्होंने पानी से भर दिया और दूसरा शराब से | फिर उन्होंने पानी वाले पात्र में एक केंचुआ डाल दिया वह पानी में खूबसूरती से तैरने लगा | और उन्होंने शराब वाले पात्र में दूसरा केंचुआ डाला जो की देखते ही देखते सब की आँखों के सामने तड़प तड़प कर मर गया | वह यह साबित करना चाहते थे की जब केंचुए की ये हालत हुई है तो हमारे शरीर के अन्दर क्या होता होगा | तब उन्होंने उन शराबी लोगो से कहानी का मोरल पूछा | और पीछे से एक आदमी ने उत्तर दिया कि अगर हम शराब पियेंगे तो हमारे पेट में कीड़े नहीं होंगे |
क्या कहानी से ये सीख मिली ? बिल्कुल भी नहीं | यह निर्भर करता है हमारी सेलेक्टिव लिसनिंग पर | हम वही सुनते है जो हम सुनना चाहते हैं |
व्यक्ति वही सुनता है जो वह सुनना चाहता है..
जवाब देंहटाएंसीखना या न सीखना यह अपनी अपनी सोच पर निर्भर करता है ,,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: कैसा,यह गणतंत्र हमारा,