मेरे हिसाब से ब्लोगिंग
सबसे अच्छा रास्ता है अपने विचारों को पूरी तरह से व्यक्त करने के लिये | जब आप
अपने आप को अकेला महसूस करते है तब आप अपने दिल के विचारों को अपने ब्लॉग पर पोस्ट
करते है या जो आपकी पसन्दीदा आर्टिकल्स हैं उन्हें आप शेयर करते है और सभी आपको
सपोर्ट करते है तो दिल को बहुत अच्छा लगता है और कुछ समय में आपको लगने लगेगा की
यहाँ एक पारिवारिक हलचल हो रही है जिससे आप जुड़ते चले जा रहे है और यह दैनिक जीवन
का एक अंग बन जाता है |
शायद मेरे साथ भी कुछ ऐसा
ही हुआ पहले मै ब्लॉग पर बहुत कम आता था लेकिन जब से ब्लॉग पर लगातार आने लगा मै
इससे कुछ इस प्रकार जुड गया की शायद ही कोई ऐसा दिन हो जिस दिन मै ब्लॉग पर ना आता
हूँ | एक और बात सीखने को मिली यहाँ पर की पहले दूसरों को सपोर्ट करना सीखो फिर
किसी से सपोर्ट पाने की आशा करो क्योंकि हम जानते है की दोस्ती एक तरफ से नहीं
होती है|
सही कहा आपने.............
जवाब देंहटाएंअनजाना एक नाता सा जुड जाता है......
और रचनात्मकता भी बनी रहती है....
शुभकामनाएँ
अनु
सही कहा आपने ,..बहुत सुंदर ..
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: गजल.....
blogging to mere jiwan me rach bas sa gaya hai...
जवाब देंहटाएंप्रसाद जी,
जवाब देंहटाएंनमस्ते.
आपके ब्लॉग की काफी रचनाएँ पढीं... बहुत अच्छा लगा.
साथ ही सोच भी रहा हूँ... कि बिना घूमे-फिरे अच्छे लोग नहीं मिलते.
आप काफी अच्छा लिख रहे हैं...
एक अनुमति चाहता हूँ.... बड़ों बच्चों में आपकी कहानियों का 'कथा वाचन' के रूप में प्रयोग करना चाहता हूँ.
मुझे आपका कहानी कहने का ढंग जुदा लगा... आपके वाक्य-विन्यास बातचीत शैली के होने के कारण श्रोता छात्रों को पसंद आयेंगे... ऐसा मेरा विश्वास है.
यदि आपने अनुमति नहीं दी तो भी आपका नाम लेकर सभी को आपकी कहानियाँ सुनाया करूँगा.
कथा सुनाने से पहले नाम लेने में मेरे तो प्रयोजन सिद्ध होंगे -
पहला तो, मूल लेखक के प्रति आभार धर्म को निभा लूँगा.
दूसरा, इस बहाने अपने पिता की स्मृति भी कर लूँगा. क्योंकि मेरे पिता का नाम भी वही है जो आपका नाम है.
कथा सुनाने से पहले नाम लेने में मेरे दो प्रयोजन सिद्ध होंगे -
जवाब देंहटाएंपहला तो, मूल लेखक के प्रति आभार धर्म को निभा लूँगा.
दूसरा, इस बहाने अपने पिता की स्मृति भी कर लूँगा. क्योंकि मेरे पिता का नाम भी वही है जो आपका नाम है.
@ प्रतुल वशिष्ठ जी ..नमस्ते
हटाएंब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है| आप इस ब्लॉग की कहानियों को 'कथा वाचन' के रूप में प्रयोग करेंगे मेरे लिए इससे अच्छी बात क्या होगी|
यह कहानियाँ मेरी रचनायें नहीं है| मैंने भी किसी से सुनी या फिर कही पर पढ़ा है| और मुझे बहुत पसंद आयी इसलिए आप लोगो तक पहुचाने की एक छोटी सी कोशिश है|