जीवन में कभी भी कितनी भी परेशानी आये कभी रुको मत आगे बढे चलो जब तक की अपने लक्ष्य तक न पहुँच जाओ| धनुष से छूटता है जो बाण वो पथ में कब ठहरता , देखते ही देखते वह लक्ष्य का भेद करता | लक्ष्य प्रेरित बाण हैं हम ठहरने का कम कैसा , लक्ष्य तक पहुँचे बिना पथ में पथिक विश्राम कैसा ||
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