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26 जनवरी 2012

कितना डरता है ये दिल..

दोस्तों अक्सर हमने किसी न किसी को ये कहते सूना होगा कि हम किसी से नही डरते है किन्तु जहाँ तक मै समझता हूँ यह पूरी तरह से सत्य नही है अगर मै अपने बारे मे बात करू तो मै आपको बता दू मेरा दिल बहुत डरता है पर दिल को हमेशा परिस्थितियों के हिसाब से समझाना पडता है।

कभी कभी जब हुम कोई नया काम शुरु करने वाले होते है तब हमारे दिल मे अनेको प्रकार के विचार उठते है तब उस समय दिल को समझाना पडता है और काम शुरु करना पडता है अगर एक बार कार्य अच्छे से शुरु हो जाता है तो फिर कोई परेशानी नही आती है।

जब हम दोस्तो के साथ होते है तब कभी कभी गलती से कुछ बुरा बोल देते है तब ये दिल डरता है कि कही दोस्त खफ़ा न हो जाये उस समय गलती स्वीकार करना ही सबसे उचित होता है। भले ही कोई कितना भी बोले कि हम किसी से नही डरते है लेकिन वह खुद से कभी नही छुपा सकता कि वह किससे डरता है किससे नही।

जब भी दिल डरने लगता है अचानक दिल की धड्कन तेजी से बढ जाती है और आप चारो तरफ नजर उठाकर इधर-उधर देखने लगते है और कुछ समय बाद सब सामान्य हो जाता है जब आप अपने दिल को समझा लेते है।


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