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17 जून 2012

पहले अपने मन को जीतो !

एक व्यक्ति एक प्रसिद्ध संत के पास गया और बोला गुरुदेव मुझे जीवन के सत्य का पूर्ण ज्ञान है | मैंने शास्त्रों का काफी ध्यान से मैंने पढ़ा है | फिर भी मेरा मन किसी काम में नही लगता | जब भी कोई काम करने के लिए बैठता हूँ तो मन भटकने लगता है तो मै उस काम को छोड़ देता हूँ | इस अस्थिरता का क्या कारण है ? कृपया मेरी इस समस्या का समाधान कीजिये |

संत ने उसे रात तक इंतज़ार करने के लिए कहा रात होने पर वह उसे एक झील के पास ले गया और झील के अन्दर चाँद का प्रतिविम्ब को दिखा कर बोले एक चाँद आकाश में और एक झील में, तुम्हारा मन इस झील की तरह है तुम्हारे पास ज्ञान तो है लेकिन तुम उसको इस्तेमाल करने की बजाये सिर्फ उसे अपने मन में लाकर बैठे हो, ठीक उसी तरह जैसे झील असली चाँद का प्रतिविम्ब लेकर बैठी है |


तुम्हारा ज्ञान तभी सार्थक हो सकता है जब तुम उसे व्यहार में एकाग्रता और संयम के साथ अपनाने की कोशिश करो | झील का चाँद तो मात्र एक भ्रम है तुम्हे अपने कम में मन लगाने के लिए आकाश के चन्द्रमा की तरह बनाना है, झील का चाँद तो पानी में पत्थर गिराने पर हिलाने लगता है जिस तरह तुमारा मन जरा-जरा से बात पर डोलने लगता है |

तुम्हे अपने ज्ञान और विवेक को जीवन में नियम पूर्वक लाना होगा और अपने जीवन को जितना सार्थक और लक्ष्य हासिल करने में लगाना होगा खुद को आकाश के चाँद के बराबर बनाओ शुरू में थोड़ी परेशानी आयेगी पर कुछ समय बात ही तुम्हे इसकी आदत हो जायेगी |

निष्कर्ष :- मन के हालत के चलते इन्सान को अपनी प्रतिभा का सही उपयोग करना सीखना चाहिए बजाये मायूस होकर बैठने के |

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत प्यारी कथा......
    और बहुत सुन्दर संदेश भी.................
    सादर

    अनु

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  2. इन्सान को अपनी प्रतिभा का सही उपयोग करना सीखना चाहिए,,,,,,

    बहुत बढ़िया प्रेरक कथा,,,,,,

    RECENT POST ,,,,,पर याद छोड़ जायेगें,,,,,

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  3. सार्थकता लिए सटीक प्रस्‍तुति।

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  4. सार्थक ...सुंदर संदेश ....आभार .

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  5. कहानी के माध्यम से सुंदर संदेश...आभार !!

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  6. जीवन को दिशा देती एक प्रेरक कथा ..!

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  7. बहुत बढ़िया अयोध्या प्रसाद जी .आज जो लोग बे -तहाशा मल्टी -टास्किंग कर रहें हैं वह न सिर्फ ला -परवाह हो रहें हैं फ़िज़ूल की सूचना भी उनके संज्ञान में चली आरही है ,उनकी दक्षता भी उतनी नहीं रहती है जितनी ऐसा कभी कभार ही करने वालों की रहती है .वह घटनाओं के प्रसवित होने का आनंद लेना भूल गए हैं सिर्फ तात्कालिक रिपोर्टिंग में उलझे रह गएँ हैं .किस काम की यह सूचना ज़िल्लत .आपकी पोस्ट भी चाँद की झाईं परछाईं की और संकेत कर रही है .बढ़िया पोस्ट .शुक्रिया .
    वीरुभाई ,४३,३०९ ,सिल्वर वुड ड्राइव ,कैंटन ,मिशिगन ,४८ ,१८८ यू एस ए .

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